हिमाचल प्रदेश में जल संकट - यूपीएससी प्रीलिम्स फैक्ट्स
हिमाचल प्रदेश में जल संकट के बारे में विस्तृत चर्चा की गयी हैं, हिमाचल प्रदेश में सतलज एवं ब्यास जैसी बारहमासी पानी के स्त्रोत की नदिया होते हुए भी राज्य में जल संकट की संभावना बनी हुयी हैं , हिमाचल प्रदेश में जल संकट क्यो हैं , जल संकट से क्या हानिया हैं,
🔸संदर्भ
- बारहमासी जल स्त्रोतो का घर कहे जाने वाले हिमाचल प्रदेश में जल संकट की संभावना जतायी जा रही हैं हालांकि हिमाचल प्रदेश में जल संकट की क्या स्थिति होगी यह तो आने वाले गर्मियो के महीनो में पूर्णत स्पष्ट हो पायेगा
🔸पृष्ठभूमि
- हिमाचल प्रदेश के राज्य जल मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने विधानसभा सत्र के दौरान सरकार को चेताया है कि इस बार राज्य को गंभीर जल संकट का सामना करना पड़ सकता हैं, हालांकि महेंद्र सिंह ठाकुर ने यह भी दावा किया हैं कि राज्य इससे पहले कभी भी सूखा प्रभावित क्षेत्र नही रहा हैं
- हिमाचल प्रदेश में सर्दियो में हिमपात पढ़ने के साथ साथ वर्षा भी होती हैं , एवं राज्य में पढ़ने वाली वर्षा तथा ग्लेशियरो से पिघला हुआ पानी वहां स्थित जल स्त्रोतो (कुआं , बाबडी़ , नदिया , नाले एवं झरने) में चला जाता हैं जिससे राज्य में जल स्त्रोतो में जल की पूर्ति रहती हैं
- लेकिन इस बार राज्य में सर्दियो में 59 मिलीमीटर वर्षा हुयी हैं जो कि सामान्यत: होने वाली वारिश से 69% कम हैं , भारतीय मौसम विभाग के अनुसार यह आंकडा 1 जनवरी 2021 से 28 फरवरी 2021 के मध्य का हैं
- इसके अलावा राज्य में बढ़ती आबादी के कारण पानी की आपूर्ति की मांग में लगातार वृध्दि हो रही हैं जिसके चलते हिमाचल प्रदेश में जल संकट की संभावना बनी हुयी हैं
🔸हिमाचल प्रदेश में जल संकट से बचने के लिए प्रस्तावित उपाय- हिमाचल प्रदेश में जल संकट से बचने के लिए प्रस्तावित उपायो के अनुसार राज्य में पानी की संभावित कमी को देखते हुए जितने भी बोरबेल एवं हैंडपंपो की स्थापना रोक दी गयी थी उन्हे फिर से शुरु किया जाएगा
- इसके अलावा राज्य में वाटर हार्वेस्टिंग टैंक बनाए जाएगें
- साथ ही राज्य सरकार ने सभी विधायको से अपने निर्वाचन क्षेत्र में वर्षा जल संचयन संरचनाओं का निर्माण करने के लिए कहा हैं जिससे वर्षा के पानी का सदुपयोग किया जा सकें
- भविष्य में हिमाचल प्रदेश को जल संकट से बचाने के लिए हिम कटाई के विकल्प पर भी विचार किया जाएगा
🔸जल संकट क्या होता हैं- किसी क्षेत्र में जितनी जल की मांग होती हैं उससे कम जल आपूर्ति हो पाना जल संकट होता हैं इसे आप यह भी कह सकते हैं कि किसी क्षेत्र विशेष में जल आपूर्ति की मांगो को पूरा करने हेतु उपलब्ध जल संसाधनो की कमी को जल संकट कहते हैं
🔸भारत में जल संकट- 2018 में नीति आयोग द्वारा किए गये एक अध्ययन के अनुसार 122 देशो की जल संकट की सूची में भारत नीचे से तीसरे अर्थात 120 वें स्थान पर था
- पूरी दुनिया में जल संकट का सामना कर रहे 400 शहरो की सूची में शीर्ष 20 शहरो में भारत के चार शहर चैन्नई , कोलकाता , दिल्ली एवं मुबंई हैं जिसमें चैन्नई शीर्ष पर हैं
- संयुक्त सूचकांक जल प्रबंधन के अनुसार जल्द ही भारत में 21 शहर जीरो ग्राउंड वाटर लेवल पर होगें अर्थात ऐसे शहर जिन पर खुद का पीने का पानी उपलब्ध नही होगा और ये शहर जल के लिए आयात पर निर्भर हो जाऐंगे जिसके चलते लगभग 10 करोड़ लोग प्रभावित होगें
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